كم هي بديعة،
| |
كأنّ أجسادها لا تعترض سبيلها.
| |
تنزلق خفيفة في العراء
| |
تعبر أشعة الشمس ذات الألواح البرونزية.
| |
.
| |
ما الذي يجعلها تقف ساكنة هكذا
| |
إذا لم تكن تنتظر؟
| |
لابثة بلا حراك، حتى تصدأ أقفاصها،
| |
والشجيرات ترتعش في الريح
| |
جالسة القرفصاء، عارية من الأوراق.
| |
.
| |
ليس عليكَ سوي أن تترك الأمر يحدث:
| |
تلك الصرخة ــ (أطلقها، أطلقها) ــ مثل القمر
| |
الذي غضّنته الأرض فصعدَ
| |
ممتلئاً بدائرة سهامه
| |
.
| |
هكذا حتى تجدهم أمامكَ
| |
مثل أشياء ميّتة، الأجساد صهواتها
| |
وأنتَ تعتليها، جريحاً وقاهراً.
| |
*
| |
ترجمة: صبحي حديدي
|
والغزلان | لويز غليك / Louise Glück | صبحي حديدي
Written By Lyly on الجمعة، 26 ديسمبر 2014 | ديسمبر 26, 2014
0 التعليقات