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أبلغي كل إنسان
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الآن، اليوم، بأني
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في عذوبة سأغني
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لمتعة من صادقتني
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ولسوف نستمه معا بالغناء
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مثل من تجد
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بالخطايا، وربما في الحماقة
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والحزن ما ينسيها
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كانت وأقفة بجوار سريري
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بصندليها الذهبيين
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والفجر في ذات
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اللحظة أيقضتني
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اسائل نفسي
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ماذا، ياسافو، بقدورك
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أن تمنحي لمن
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تمتلك كل شيء
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كأفروديت؟
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وأجيبها
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سأحرق قربانا
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من عظام الفخذ المكسورة بالدهن
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لعنزة بيضاء
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على مصلاها
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أعتراف
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أنني عشقت قد ما أرهق
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حالي. وآمنت
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بما للعشق
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من نصيب في
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تألق الشمس
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وعفتها
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في الظهيرة
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والأرض
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تضيئها ألسنة لهيب
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يتساقط كرمح عمودي
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يطلق صرصار الليل
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- عاليا كقذيفة-
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غناءه بحركة من جناحيه
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أخذت قيثارتي وأنشدت
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تعالي الأن،
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يا صدفة سلحفاتي المقدسة: كوني
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آلة صادحة
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برغم أنهن
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محض أنفاس وحسب، لكن الكلمات
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التي أملكتها
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خالدة
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في ذلك العصر
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تينع الفتيات ليتزوجن
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وتلوح تيجان
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الزهور بقلائدهن
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سمعناهما تنشدان:
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الصوت الأول:
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أدونيس الصغير
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يحتضر! آه سيتيريا
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ماذا نفعل الآن؟
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الصوت الثاني
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اضربن صدور كن
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بقبضات الأكف، أيتها الفتيات
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ومزقن ثيابكن!
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ما من فائدة
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أيتها الأم العزيزة، فأنا
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لا أستطيع أن أكمل
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نسيجي
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ولربما ألقيت
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اللوم على أفروديت
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فالناعمة كما هي
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كادت
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أن تقتلني
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بعشق ذلك الفتى
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ماأكثر ما ينم البشر
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وهم يتقولون على ليديا، أنها
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وجدت بيضة
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تختفي تحت
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أحجار الياقوت الأزرق البري
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السلام الحاكم في السماوات
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كان امبروسيا واقفا
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وقد عانق لتوه
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بآنية الخمر
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أما هيرميس فكان يرفع ابريق الخمر ويصب
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للآلهة
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عندما شاهدت أيروس
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في طريقه نحونا
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قادما من السماء، كان
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يرتدي عباءة الجندي
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الأرجوانية الداكنة
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أنت ياراعي قطعان المساء
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هسبيروس، يامن تهش
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نخو البيت كل ما
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شت من نور الفجر
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تهش على الشياه، وتهش على
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العنزات، وتهش على الاطفال
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باتجاه البيت، كل إلى أمه
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نامي ياعزيزتي
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لي ابنة
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صغيري تدعى
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كليس، تلك التي
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تشبه زهرة ذهبية
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ماكنت
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لأبدلها
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مقابل مملكة كرويسوس
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بكل ما انتثر بها من عشق
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رغم انها خرقاء
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إلا أن لدى مانسيديسكا
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طلعة أكثر بهاء من
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جيرينو النبيلة
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غدا سيكون من الافضل لك
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أن تستخدمي كفيك الناعمتين،
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ياديكا، اتمزقي
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أشياءك الجميلة، وتغطي
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خصلاتك البهية
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فمن تريدي الزهور
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ستحظلاى بأسعد
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نعم الآلهة: النعم التي ستعود
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منرأس عارية.
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على سطح السفينة وضعنا الجرة
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مع تلك الكلمات:
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هذا هو رماد الصغيرة
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تيماس التي لم تتزوج
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تنقاد
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إلى ظلام غرفة نوم
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بيرسيفون
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وهي الآن أبعد ما تكون عن
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بيتها،، والفتيات
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في عمرها يأخذن
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شفرات جديدة الحواف
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ليقصصن، حدادا عليها
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خصلات شعرهن الناعم
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أيتها القبرصية، في أحلامي
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طيات منديلك
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الأرجواني وهي تظلل
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خديك- المنديل الذي
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أرسلته مرة تمياس
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هدية خوف، طوال
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الطريق من فوكايا
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في فجر الربيع
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يبزغ القمر مكتملا:
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وتأخذ الفتيات أماكنهن
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كمالو كن يتحلقن حول المصلى
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واقدامهن تتحرك
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وفق إيقاع، بينما الأقدام
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الرقيقة لفتيات كريتان
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تتراقص حول
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مذبح العشب
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الزهري الأملس الناعم
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كن ملتاعات من بهاء
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النجوم القريبة
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للقمر الحبيب الذي يغطي
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وجوههن المشرقة
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حينما يكون
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في أكمل استدارة له ناشرا ضوءه
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الفضي على الأرض
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الآن، وبينما نرقص
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تعالي إلينا
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أيتها الرقيقات جاييتي،
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ريفرلي، راديانس
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وأنتن،ربات الإبداع بالسعر الحبيب
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المصدر:SAPPHO: A Translation by: Mary Barnard,
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Sharmbhala, Boston & London, 1994.
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ترجمة: أشرف أبو اليزيد
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مختارات | سافو | ترجمة أشرف أبو اليزيد
Written By هشام الصباحي on الاثنين، 20 أبريل 2015 | أبريل 20, 2015
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